Gold Loan को लेकर चल रहे 'खेल' पर कसा शिंकजा! RBI ने इन्हें दे डाली कार्रवाई की चेतावनी
RBI Gold Loans: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को कहा कि उसने सोने के बदले कर्ज देने वाले संस्थानों के कामकाज में कई अनियमितताएं पाई हैं और उनसे अपनी नीतियों एवं पोर्टफोलियो की समीक्षा करने को कहा है.
RBI Gold Loans: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को कहा कि उसने सोने के बदले कर्ज देने वाले संस्थानों के कामकाज में कई अनियमितताएं पाई हैं और उनसे अपनी नीतियों एवं पोर्टफोलियो की समीक्षा करने को कहा है. केंद्रीय बैंक ने कर्जदाताओं को भेजे एक संदेश में कहा कि विवेकपूर्ण दिशा-निर्देशों के पालन पर हाल ही में की गई समीक्षा में सोने के आभूषणों और आभूषणों को गिरवी रखकर दिए जाने वाले ऋणों के संबंध में कई खामियां सामने आई हैं.
RBI ने पाई गोल्ड लोन को लेकर ये खामियां
RBI के मुताबिक, कर्जों के स्रोत और मूल्यांकन के लिए तीसरे पक्ष के उपयोग में कमियां, ग्राहक की गैर-मौजूदगी में सोने का मूल्यांकन, अपर्याप्त जांच-पड़ताल और स्वर्ण ऋण के अंतिम उपयोग पर निगाह रखने में कमी और चूक होने पर सोने के आभूषणों की नीलामी के दौरान पारदर्शिता का अभाव जैसी खामियां पाई गई हैं.
गोल्ड लोन में हुई वृद्धि
रेटिंग एजेंसी इक्रा के हाल के अध्ययन में कहा गया है कि आरबीआई की तरफ से हाल में उठाए गए कदमों के बावजूद स्वर्ण ऋण में अच्छी वृद्धि हुई है और मार्च, 2025 तक संगठित कर्जदाताओं का पोर्टफोलियो 10 लाख करोड़ रुपये तक हो जाने का अनुमान है. आरबीआई ने सोने के बदले कर्ज देने के कारोबार में शामिल सभी संस्थाओं को अपनी नीतियों और प्रक्रिया की ‘व्यापक समीक्षा’ करने, कमियों की पहचान करने और ‘समयबद्ध तरीके से’ उचित सुधारात्मक उपाय शुरू करने की सलाह दी.
3 महीने के अंदर देना है जवाब
TRENDING NOW
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
सिगरेट बनाने वाली कंपनी ने किया 1750% डिविडेंड का ऐलान, नोट कर लें रिकॉर्ड डेट, सालभर में 187% दिया रिटर्न
RBI के नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ‘आउटसोर्स’ की गई गतिविधियों और तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं पर इन संस्थाओं का पर्याप्त नियंत्रण हो. इसमें कहा गया है कि स्वर्ण ऋण देने वाली संस्थाएं RBI के वरिष्ठ पर्यवेक्षी प्रबंधक को तीन महीने के भीतर अपनी कार्रवाई के बारे में सूचित कर सकती हैं. इस संबंध में दिशानिर्देशों का पालन न करने को रिजर्व बैंक गंभीरता से लेगा.
10:11 PM IST